"Iran vs Israel War 2025: ताजा अपडेट, कारण, इतिहास और असर – पूरी जानकारी हिंदी में"
2025 में ईरान और इज़राइल के बीच युद्ध – एक गहन विवेचना
2025 का वर्ष विश्व राजनीति के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रहा है, खासकर मध्य पूर्व में। ईरान और इज़राइल के बीच लंबे समय तक जारी तनाव अब युद्ध में बदल चुका है। यह संघर्ष केवल इन दो देशों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके प्रभाव अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देखे जा रहे हैं। यह लेख इस युद्ध के हर पहलू को विस्तार से समझाता है – इतिहास, कारण, घटनाक्रम, वैश्विक प्रभाव और संभावित समाधान।
युद्ध की ऐतिहासिक कथा
ईरान और इज़राइल के बीच संबंधों की जड़ें
ईरान और इज़राइल के संबंध पहले मित्रवत थे, लेकिन 1979 की ईरानी इस्लामी क्रांति के बाद हालात पूरी तरह बदल गए। ईरान की नई शासन ने इज़राइल को "शैतान का प्रतीक" घोषित किया और फिलिस्तीनी स्वतंत्रता आंदोलन को नैतिक सहायता देने लगा। तब से दोनों देशों के बीच दुश्मनी की शुरुआत हुई।
पूर्व विवादों का अवलोकन
• 2006 में ईरान की भागीदारी हिजबुल्लाह और इज़राइल के युद्ध में।
• 2012 के पश्चात सीरिया में ईरान की सैनिक मौजूदगी।
• इज़राइल पर ईरानी शोधकर्ताओं की हत्या का आरोप।
• पश्चिमी देशों के प्रतिबंध, जिनका समर्थन इज़राइल ने किया, ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम पर हैं।
2025 के युद्ध के मुख्य कारण
ईरान का समर्थन हमास और हिजबुल्लाह के लिए
ईरान ने काफी समय से हमास और हिजबुल्लाह जैसे समूहों को वित्तीय और सैन्य समर्थन प्रदान किया है। इज़राइल इसके लिए अपने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक स्पष्ट खतरा मानता है।
परमाणु योजना पर तनाव
ईरान के यूरेनियम संवर्धन कार्यक्रम पर इज़राइल ने लगातार نگرानी रखी है। 2025 के शुरूआत में ईरान ने यह दावा किया कि उसने 90% संवर्धित यूरेनियम हासिल कर लिया है, जो परमाणु हथियारों के लिए जरुरी होता है।
सीरियाई सीमा पर संघर्ष
सीरिया में ईरानी मिलिशिया की गतिविधियाँ और इज़राइली हवाई हमले तनाव को और बढ़ा रहे हैं। जनवरी 2025 में, एक इज़राइली हवाई हमले में एक प्रमुख ईरानी जनरल की हत्या हुई – यह घटना युद्ध का कारण बन गई।
युद्ध की प्रगति – जनवरी से जून 2025 तक
जनवरी 2025
• इज़राइल ने दमिश्क के नजदीक ईरानी सैन्य स्थलों पर हवाई हमले किए।
• ईरान ने हाइफा और तेल अवीव पर मिसाइलों और ड्रोन के जरिए हमला किया।
फरवरी 2025
• इज़राइल ने "ऑपरेशन आयरन वाल" की शुरुआत की।
• लेबनान की सीमा पर हिजबुल्लाह ने इज़राइल के सैन्य ठिकाने पर वार किया।
मार्च 2025
• अमेरिका ने दोनों तरफ के लोगों से धैर्य बनाए रखने की सलाह दी।
• यूएन में तात्कालिक बैठक आयोजित की गई।
अप्रैल 2025
• इज़राइल ने ईरान के नटांज परमाणु संयंत्र पर साइबर हमले को अंजाम दिया।
• ईरान ने प्रतिक्रिया में खाड़ी में अमेरिकी युद्धनौकाओं को चेतावनी दी।
मई 2025
• सऊदी अरब, तुर्की और कतर ने मध्यस्थता का प्रस्ताव रखा।
• चीन और रूस ने ईरान को सहायता और इज़राइल को सतर्क किया।
जून 2025
• सीमा पर जमीन पर संघर्ष प्रारंभ – हजारों जवान तैनात।
• अमेरिका और फ्रांस ने अपने नागरिकों को उस क्षेत्र से निकाल दिया।
वैश्विक प्रभाव और भू-राजनीतिक दृष्टिकोण
ऊर्जा संकट और पेट्रोलियम की दरें
ईरान की तेल आपूर्ति में रुकावट आने से वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतें $120 प्रति बैरल तक बढ़ गई हैं। इसका भारत, चीन, यूरोप और अमेरिका की अर्थव्यवस्थाओं पर गंभीर प्रभाव पड़ा है।
अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों में अनिश्चितता
• अमेरिका का Dow Jones सूचकांक 15% घटा।
• यूरोप के शीर्ष बैंकों ने अलर्ट जारी किया।
• भारत में सेंसेक्स और निफ्टी में भारी गिरावट देखी गई।
वितरण श्रृंखला की समस्या
सुएज़ नहर के आस-पास बढ़ती सैन्य गतिविधियों ने शिपिंग को प्रभावित किया है, जिससे खाद्य और दवाई की आपूर्ति पर असर पड़ा है।
सैन्य शक्ति और नीतियाँ
इज़राइल की युद्धनीति
• आयरन डोम और एरो मिसाइल सुरक्षा प्रणाली द्वारा सुरक्षा।
• मोसाद और साइबर हमलों के लिए नेटवर्क का इस्तेमाल।
• अमेरिका से तकनीकी सहायता मिली।
ईरान की सैन्य रणनीति
• लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें – शाहब 3 और फतेह-110।
• क्षेत्रीय मिलिशिया तंत्र – हिजबुल्लाह, हौथी, पीएमएफ।
• साइबर हमले और ड्रोन युद्ध में कौशल।
संभावित समाधान और शांति की दिशा
संयुक्त राष्ट्र का कार्य
यूएन ने शांति कायम करने के लिए एक विशेष दूत नियुक्त किया है और अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों को भेजने की योजना बनाई गई है।
अमेरिका और यूरोप की योजना
• अमेरिका ने कूटनीतिक प्रयासों पर ध्यान केंद्रित किया है, लेकिन इज़राइल को अपनी सहायता देना जारी रखा है।
• यूरोपीय संघ संघर्षविराम के लिए प्रतिबंध लागू करने की चेतावनी दे रहा है।
क्षेत्रीय साझेदारी के अवसर
• सऊदी अरब और यूएई संघर्ष समाप्त करने के लिए सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं।
• यदि बातचीत सफल नहीं होती, तो संघर्ष लंबे समय तक जारी रह सकता है।
निष्कर्ष
ईरान और इज़राइल के बीच 2025 का युद्ध एक बड़ा भू-राजनीतिक संकट है, जिसकी ध्वनि संसार के हर कोने में सुनाई दे रही है। दोनों देश अपने-अपने दृष्टिकोण पर अड़े हुए हैं, जबकि पूरी दुनिया इस टकराव को खत्म करने में जुटी है। यदि कूटनीति विफल होती है, तो यह टकराव एक भयंकर परमाणु युद्ध में बदल सकता है। आने वाले दिन मानवता के लिए निर्णायक सिद्ध होंगे।
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