"हुमायूं का मकबरा दिल्ली – इतिहास, वास्तुकला और घूमने की पूरी गाइड (2025)"
हुमायूं का मक़्बरा – मुग़ल वास्तुकला का पहला प्रतीक
हुमायूं की दरगाह कहाँ मौज़ूद है?
हुमायूं का मक़बरा भारत की दिल्ली के निज़ामुद्दीन इलाके में स्थित है। यह यमुना नदी के किनारे एक बड़े باغ में स्थित है।
हुमायूं के मक़बरे का इतिहास
निर्माण की पृष्ठभूमि
हुमायूं का मक़बरा मुग़ल सम्राट हुमायूं के निधन के बाद 1558 ई. यह उनकी विधवा बेगम हाजी बेगम ने बनवाया था। इसका डिजाइन फारसी वास्तुकार मीरक मिर्जा घियास ने तैयार किया।
हुमायूं की मृत्यु के बाद "अकबर"ने उनकी विरासत को आगे बढ़ाया।"
निर्माण अवधि और व्यय
इस मक़बरे का निर्माण 1565 से 1572 के बीच हुआ और यह मुग़ल शैली का पहला विशाल मक़बरा था जो लाल बलुआ पत्थर और संगमरमर से निर्मित था। इसकी लागत लगभग 15 लाख रुपये मानी जाती है।
हुमायूं के मक़बरे का निर्माणशास्त्र
चारबाग़ डिज़ाइन (Charbagh Design)
यह भारत का पहला मक़बरा है जो चारबाग उद्यान शैली में डिजाइन किया गया है। चार हिस्सों में विभाजित यह उद्यान फारसी संस्कृति से प्रभावित है।
मुख्य भवन और गुंबद
इस मक़बरे का मुख्य गुंबद सफेद संगमरमर से निर्मित है, जिसकी ऊँचाई 42.5 मीटर है। इसके नीचे हुमायूं की असली समाधि स्थित है। मक़बरे के चारों ओर छोटे कक्ष, मेहराबें और बुर्ज बने हुए हैं।
आभूषण और काढ़ा
इस मक़बरे में फारसी और भारतीय Architektur का शानदार संयोजन है। संगमरमर की कारीगरी, आकर्षक खिड़कियाँ और इस्लामी ज्यामितीय डिज़ाइन इसकी सुंदरता को और बढ़ाते हैं।
ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक महत्व
World Heritage Site by UNESCO
हुमायूं का मक़बरा 1993 में UNESCO की विश्व धरोहर सूची में जोड़ा गया। यह स्थल भारतीय इतिहास, संस्कृति और वास्तुकला के विकास का प्रतीक है।
ताजमहल की प्रेरणा स्रोत
हुमायूं का मक़बरा पहला स्मारक था जिसने ताजमहल जैसे शानदार मक़बरों की नींव रखी। इसे ताजमहल का पूर्वज भी माना जाता है।
हुमायूं के मक़बरे की मुख्य विशेषताएँ
•मुख्य मक़बरा 150 फीट ऊँचा एक चबूतरे पर स्थापित है।
•मक़बरे के चारों तरफ़ बाग़, नदियाँ और फव्वारे मौजूद हैं।
•यह एक बड़ा परिसर है जिसमें अन्य मुग़ल शासकों और उनके परिवार के सदस्यों की कब्रें भी शामिल हैं।
•सूरज की किरणों में यह स्थलीय धरोहर लाल और सफेद रंगों में जगमगाता है।
हुमायूं के मक़बरे तक कैसे पहुँचें?
समीपवर्ती मेट्रो स्टेशन
जवाहरलाल नेहरू मेट्रो स्टेशन (Violet Line) के सबसे करीब स्थित है।
सार्वजनिक परिवहन और टैक्सी सेवा
दिल्ली के किसी भी क्षेत्र से DTC बस या टैक्सी के जरिए यहां पहुंचा जा सकता है।
Location on Google Maps:
Humayun's Mausoleum – Google Maps
समय और प्रवेश चार्ज
•खुलने का वक्त: सुबह 6:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक (हर दिन)
•प्रवेश शुल्क:
°भारतीय यात्री: ₹30
°विदेशी यात्रिक: ₹500
°बच्चों के लिए: मुफ्त (15 साल से कम)
पर्यटन और फोटोग्राफी के लिए सुझाव
सूर्योदय और सूर्यास्त के समय चित्रण के लिए सर्वश्रेष्ठ है।
मक़बरे के चारों ओर बाग़ में आराम से टहलना संभव है।
ऐतिहासिक गाइड के साथ यात्रा अधिक जानकारीपूर्ण और आकर्षक हो जाती है।
निष्कर्ष
हुमायूं का मक़बरा सिर्फ एक वास्तुकला की उदाहरण नहीं है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान का प्रतीक भी है। यह स्थान मुग़ल वास्तुकला के विकास की कथा कहता है और विश्व धरोहर के रूप में इसकी मान्यता इस बात का सबूत है कि भारत की विरासत कितनी समृद्ध और विश्व प्रसिद्ध है।
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