"पेरिस का प्रतीक एफिल टॉवर – जानें इसका इतिहास और खास बातें"

एफिल टॉवर का इतिहास – एक शानदार धातु निर्माण की कहानी 

परिचय

पेरिस का प्रतीक बन चुका एफिल टॉवर (Eiffel Tower) न केवल फ्रांस का प्रमुख पर्यटन स्थल है, बल्कि इसे दुनिया की सबसे सुंदर धातु संरचनाओं में से एक माना जाता है। हर साल लाखों पर्यटक एफिल टॉवर की शानदारता का आनंद लेने आते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस टावर को कभी पेरिस की खूबसूरती के लिए खतरा माना गया था? आइए एफिल टॉवर के इतिहास, निर्माण प्रक्रिया और इससे संबंधित दिलचस्प जानकारियों के बारे में जानें। 

एफिल टॉवर कब और किस उद्देश्य से बनाया गया था? 

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                              एफिल टॉवर

एफिल टॉवर का निर्माण 1887 में आरंभ हुआ और इसे 1889 में समाप्त किया गया। इसकी रचना फ्रांसीसी क्रांति की शताब्दी पर आयोजित "पेरिस वर्ल्ड फेयर" (Exposition Universelle) के अवसर पर की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य वैश्विक स्तर पर फ्रांस की औद्योगिक क्षमता और इंजीनियरिंग दक्षता का प्रदर्शन करना था। 


इस टावर का स्वरूप गुस्ताव एफिल (Gustave Eiffel) की कंपनी ने बनाया था, परंतु इसका असली डिज़ाइन मौरिस कोचलिन और एमिले नोउग्येर नामक दो इंजीनियरों ने तैयार किया था। एफिल ने इस परियोजना का संचालन किया, इसलिए इसका नाम उनके नाम से लिया गया। 

एफिल टॉवर की डिजाइन और निर्माण विधि 

एफिल टॉवर का निर्माण लोहे से किया गया था और इसके निर्माण में करीब 18,038 लोहे के टुकड़ों का इस्तेमाल किया गया। इन टुकड़ों को 25 लाख रिवेट्स (कीलों) के माध्यम से जोड़ा गया। टॉवर की ऊँचाई 324 मीटर है और यह तब की सबसे ऊँची मानव निर्मित इमारत थी। 

निर्माण कार्य में लगभग 300 मज़दूरों ने काम किया और इसे पूरा होने में 2 वर्ष, 2 महीने और 5 दिन लगे। इस टावर को उस समय "लोहे का अजूबा" कहा गया।



एफिल टॉवर से जुड़ी रोचक बातें

1.विरोध और आलोचना: 

 जब एफिल टॉवर बनाया जा रहा था, तब कई कलाकारों और पेरिस के निवासियों ने इसका विरोध किया था। उनका मानना था कि यह टावर पेरिस की सुंदरता को बिगाड़ देगा।

2.  अस्थायी संरचना:

इसे शुरू में केवल 20 वर्षों के लिए खड़ा करने की अनुमति दी गई थी, लेकिन बाद में इसकी उपयोगिता के कारण इसे स्थायी बना दिया गया।

3.  प्रसारण केंद्र:

20वीं सदी की शुरुआत में एफिल टॉवर को रेडियो और टीवी सिग्नल प्रसारित करने के लिए इस्तेमाल किया जाने लगा, जिससे इसकी उपयोगिता और बढ़ गई।

4. रंग परिवर्तन:

 एफिल टॉवर को हर 7 साल में रंगा जाता है और इसके लिए लगभग 60 टन पेंट की आवश्यकता होती है। अब तक इसे 18 से अधिक बार रंगा जा चुका है

एफिल टॉवर आज – यात्रा का प्रमुख स्थान 

आज एफिल टॉवर पेरिस में आने वाले यात्रियों के लिए एक अनिवार्य स्थल बन गया है। हर वर्ष लगभग 70 लाख से ज्यादा पर्यटक यहां आते हैं। इसमें तीन स्तर हैं, जिनमें से तीसरे स्तर से पूरे पेरिस शहर का अद्भुत दृश्य देखा जा सकता है। रात को जब इस पर रोशनी की जाती है, तो इसकी खूबसूरती और भी निखर जाती है। 

निष्कर्ष 

एफिल टॉवर सिर्फ एक धातु की संरचना नहीं है, बल्कि यह मानव की रचनात्मकता, नवाचार और मेहनत का प्रतीक है। वर्तमान में यह वैश्विक स्तर पर पेरिस का प्रतीक बन चुका है और आगामी पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा। 



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