Petra Jordan History in Hindi – पेट्रा का इतिहास और पर्यटन गाइड
पेट्रा, जॉर्डन – एक रहस्यमय ऐतिहासिक शहर का अनोखा इतिहास
प्रस्तावना
जब भी हम विश्व की महान प्राचीन सभ्यताओं का उल्लेख करते हैं, तो मिस्र, मेसोपोटामिया, सिन्धु घाटी और रोम जैसे नाम तुरंत सोच में आते हैं। लेकिन एक और सभ्यता थी जो रेगिस्तान की सूखी भूमि पर खिली और जिसने गुलाबी चट्टानों में अपनी अचल पहचान बनाई — नबातियन सभ्यता। इस सभ्यता की सबसे उत्कृष्ट विरासत है – पेट्रा।
पेट्रा सिर्फ एक ऐतिहासिक स्थल नहीं है, यह एक सक्रिय संग्रहालय है, एक ऐसी जगह जहाँ चट्टानें बात करती हैं और इतिहास जीवित होता है। आइए हम पेट्रा की कहानी से आरंभ करें — वहीं से जहाँ सब कुछ शुरू हुआ।
पेट्रा का भूगोलिक स्थान और वाणिज्यिक मूल्य
पेट्रा का स्थान कहाँ है?
पेट्रा, जॉर्डन के दक्षिण में एक ऐतिहासिक शहर है। यह राजधानी अम्मान से लगभग 240 किलोमीटर दूर है और एक घाटी में बसा हुआ है, जिसे 'Siq' नाम से जाना जाता है — यह एक संकीर्ण, मुड़ती हुई गली है जिसके किनारों पर ऊँची चट्टानें हैं।
अल-खज़नेह का अद्भुत नजारा
इस घाटी के माध्यम से जब आप पेट्रा के मुख्य द्वार तक पहुँचते हैं, तो अल-खज़नेह (The Treasury) नामक एक शानदार संरचना अचानक आपके सामने उभरती है, मानो इतिहास किसी परदे के पीछे से झाँक रहा हो।
नबातियन संस्कृति का उदय और प्रगति
नबातियन कौन थे?
° नबातियन अरब के खानाबदोश थे।
° ये लगभग 6वीं सदी ईसा पूर्व से मध्य पूर्व में व्यापार करने लगे।
° उनके पास उन्नत कारोबारी नेटवर्क, जल संसाधन प्रबंधन तकनीक, और बेहतरीन निर्माण कौशल था।
धार्मिक विश्वास और भगवान
° प्रमुख देवता: दुशरा (Dushara)
° मुख्य देवी: अल-उज्जा
° इनके पूजा स्थल और मंदिर चट्टानों में काटकर बनाए जाते थे।
पेट्रा – व्यावसायिक गतिविधियों का प्रभावशाली केन्द्र
वाणिज्यिक नेटवर्क
नबातियन सभ्यता ने पेट्रा को एक अंतर्महाद्वीपीय व्यापारिक केंद्र में रूपांतरित कर दिया था जहाँ व्यापारिक कारवां भारत, चीन, अरब और रोमन साम्राज्य से आते थे।
मुख्य व्यापारिक सामान
• मसाले (लोबान, गंधरस)
• कीमती धातुएँ
• रेशम और कपड़ा
• कांच और धातु कला
मरुस्थल में जीवन – जल संरक्षण प्रणाली
पेट्रा की जल व्यवस्थापन प्रणाली
रेगिस्तान के क्षेत्र में भी पेट्रा में जल प्रबंधन इतना प्रभावशाली था कि वहाँ कृषि और बागवानी संभव हो पाई।
• जलाशय और टैंक
• कृत्रिम बांध
• पाइपलाइन एवं चैनल
नबातियन वास्तुकला
चट्टानों में उकेरी गई वास्तुकला की शैली
"पेट्रा, जॉर्डन के प्राचीन नगर में मौजूद यह शाही कब्र, नबातियन संस्कृति की विशेष निर्माण कला और पथर की कारीगरी का अनोखा नमूना है।"
• चट्टानों को तराशकर निर्मित विशाल संरचनाएँ
• स्तंभ, आर्क, पुष्प रस और देव प्रतिमाएँ
• गुलाबी स्टोन की लुभावनता और कारीगरी
अल-खज़नेह की विशिष्टताएँ
• यह एक समाधि या पूजा स्थल था।
• सामने की दीवार पर यूनानी तथा नबातियन कला का मेल
• विश्व की सबसे खूबसूरत रॉक-कट आकृतियों में से एक हैं
पेट्रा की रक्षा और पूर्वनिर्धारितता
सुरक्षा योजना
• एकल प्रमुख प्रवेश द्वार (Siq)
• ऊँचाई पर सुरक्षा चौकियाँ
• प्राकृतिक पत्थरों का उपयोग करके किलाबंदी
सामाजिक तथा सांस्कृतिक अस्तित्व
पेट्रा के बाशिंदों की श्रेणी
• व्यापारी, शिल्पकार, पूजा करने वाला
• मंदिर, बाज़ार, नाट्यशाला, स्नानगृह
• महिलाओं और पुरुषों की बराबरी की सहभागिता
परिणाम – खंड 1
पेट्रा केवल एक पर्यटन गंतव्य नहीं है, बल्कि यह नबातियन कौशल, वास्तुकला, धर्म और व्यापारिक चतुरता का प्रतिनिधित्व करता है। यह भाग 1 इस नगर की जड़ों और नबातियन संस्कृति की गहरी जानकारी प्रदान करता है।
पेट्रा, जॉर्डन – गुलाबी शहर का इतिहास
भाग 2: रोमन साम्राज्य, गिरावट, पुनः खोज और वर्तमान पर्यटन
पेट्रा पर रोम साम्राज्य का असर
पेट्रा का रोमन कब्जा
106 ईस्वी में रोमन सम्राट ट्राजन (Trajan) ने पेट्रा को नबातियन साम्राज्य के अधीन करते हुए अपने नियंत्रण में ले लिया। इसके बाद पेट्रा को रोमन साम्राज्य के अरबिया पेट्रिया प्रांत की मुख्य नगरी बना दिया गया।
रोमन आर्किटेक्चर और नगरीय उन्नति
• रोमनों ने पेट्रा में अनेक संरचनाएं बनाई:
• रोमन रंगमंच: लगभग 7000 दर्शकों के लिए स्थान है
• कोलोनैडेड स्ट्रीट (Colonnaded Street): स्तंभों से घिरी एक बड़ी सड़क
• स्नानघर, नदियाँ और पूजा स्थल: हाइग्रीन प्रणाली और देवकी आराधना के लिए
प्रशासनिक संरचना और संस्कृति
• कर संग्रह और व्यापारिक नियंत्रण अब रोमन अधिकारियों. के अधीन हो गया।
• यूनानी-रोमन देवी-देवताओं की प्रतिमाएँ और पूजा के स्थान स्थापित किए गए।
• लेकिन नबातियन भाषा और धर्म एक साथ विकसित होते रहे।
पेट्रा का अवशेष और अज्ञात में समाहित होना
व्यापारिक रास्तों में परिवर्तन
• समुद्री व्यापार के विस्तार से पेट्रा की भौगोलिक महत्व कमी आई।
• रोमियों ने सीरिया और मिस्र के लिए नए मार्ग तैयार किए।
• पेट्रा अब प्रमुख वाणिज्यिक केंद्र नहीं रही।
प्राकृतिक आपदाएँ और क्षति
• 363 ईस्वी में आया भूकंप पेट्रा के कई प्रमुख संरचनाओं को नुकसान पहुँचाया।
• इसके बाद लगातार अनेक भूकंप हुए।
• नगर की आधारभूत संरचना कमजोर हो गई और जनसंख्या में कमी आई।
पेट्रा धीरे-धीरे समाप्त हुआ
• 7वीं सदी तक पेट्रा लगभग सूना हो चुका था।
• मुस्लिम काल में इसका कोई खास जिक्र नहीं मिलता।
• आने वाली शताब्दियों तक यह सिर्फ स्थानीय बेदुईनों की जानकारी में बना रहा।
पेट्रा का समकालीन अन्वेषण
जोहान लुडविग बर्कहार्ट की ऐतिहासिक खोज
• सन 1812 में स्विस अन्वेषक जोहान लुडविग बर्कहार्ट ने पेट्रा को पश्चिमी जगत के समक्ष प्रस्तुत किया।
• उन्होंने एक मुस्लिम यात्री "शेख इब्राहिम" के रूप में होकर स्थानीय गाइड के साथ पेट्रा में प्रवेश किया।
• अल-खज़नेह को देख कर वे आश्चर्यचकित रह गए और अपनी यात्रा डायरी में इसका विवरण दिया।
यूरोपीय शोधकर्ताओं और पुरातत्वविदों की दिलचस्पी
• 19वीं सदी में पेट्रा पर अनेक यात्राएँ और शोध किए गए।
• 20वीं सदी में ब्रिटिश और जॉर्डन के पुरातत्वज्ञों ने संगठित खुदाई का काम आरंभ किया।
• अब तक पेट्रा का मात्र 15-20% खुदाई में उजागर हुआ है।
पेट्रा – यूनेस्को की विश्व धरोहर साइट
यूनेस्को की मान्यता
• सन 1985 में पेट्रा को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता मिली।
• इसे "मनुष्य और प्रकृति के निर्माण का आश्चर्यजनक उदाहरण" कहा गया।
• यह दुनिया की सबसे रहस्यमयी और सुंदर ऐतिहासिक स्थलों में शामिल हो गया।
विश्व के सात नए चमत्कारों में स्थान
• वर्ष 2007 में पेट्रा को "विश्व के 7 नए आश्चर्य" में स्थान दिया गया।
• इससे विश्वभर के पर्यटकों और इतिहास enthusiasts के बीच इसकी प्रसिद्धि और बढ़ी।
आज की पेट्रा – पर्यटन और सांस्कृतिक विरासत
समकालीन पर्यटन सेवाएँ
• पेट्रा में वर्तमान में आधुनिक पर्यटन के लिए उत्कृष्ट व्यवस्था उपलब्ध है।
• अम्मान से पेट्रा तक सड़क द्वारा यात्रा और मार्गदर्शित यात्रा सेवाएँ उपलब्ध हैं।
• पेट्रा बाय नाइट (Petra by Night) नामक कार्यक्रम में अल-खज़नेह को दीयों की रोशनी से सजाया जाता है।
प्रमुख दर्शनीय स्थल
1.अल-खज़ानेह (The Treasury)
2.द मठ (Ad Deir)
3.महान मंदिर
4.रोमन नाटकघर
5.सिक (Siq)
6.रॉयल मकबरे
7.उच्च बलिदान स्थल (High Place of Sacrifice)
क्षेत्रीय संस्कृति और बेदुइन अस्तित्व
• आज भी पेट्रा क्षेत्र में कई बदूइन जनजातियाँ बसती हैं।
• वे स्थानीय कला, संगीत, हस्तशिल्प और ऊंट की सवारी का अनुभव प्रदान करते हैं।
• पर्यटक इनकी जीवनशैली को देखकर लोक संस्कृति से संबंध अनुभव करते हैं।
पेट्रा से हमें क्या सिखना चाहिए – सांस्कृतिक धरोहर की अहमियत
संस्कृति का संरक्षण
• पेट्रा यह बताती है कि समय की चुनौतियों का सामना करने के लिए संस्कृति और वास्तुकला का संतुलन कितना. महत्वपूर्ण है।
• यह एक अनुस्मारक है कि प्राकृतिक आपदाएँ, राजनीतिक बदलाव, और व्यापारिक नीतियाँ किसी भी महान शहर को समाप्त कर सकती हैं।
भारत के लिए उद्घाटन
• भारत में भी कई स्थल हैं जिनका महत्व पेट्रा के समान है (जैसे अजन्ता, एलोरा, भीमबेटका, हम्पी आदि)।
• हमें अपनी ऐतिहासिक विरासत को संजोने के लिए सामूहिक प्रयास करने चाहिए।
निष्कर्ष – खंड 2
पेट्रा सिर्फ गुलाबी चट्टानों का शहर नहीं है, बल्कि यह मानव इतिहास, वास्तुकला, व्यवसाय और धर्म के अद्वितीय मिलन का प्रतीक है। इसकी कथा हमें सिखाती है कि सांस्कृतिक धरोहरें शाश्वत होती हैं, केवल उन्हें खोजने और समझने की आवश्यकता होती है।
पेट्रा जॉर्डन कैसे पहुँचें? – यात्रा के रास्ते और ट्रैवल गाइड
भारत से जॉर्डन जाने का तरीका क्या है?
• भारत से जॉर्डन के लिए कोई डायरेक्ट फ्लाइट नहीं है, लेकिन आप ये रूट्स लेकर अम्मान (Amman) पहुँच सकते हैं:
• मुख्य हवाई अड्डा: क्वीन आलिया अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, अम्मान (AMM)
प्रमुख नगरों से जुड़ी उड़ानें:
• दिल्ली – दुबई – अम्मान (एयर इंडिया, फ्लाई दुबई)
• मुंबई – दोहा – अम्मान (कतर एयरवेज)
• बेंगलुरु – अबु धाबी – अम्मान (इतीहाद एयरवेज)
• अम्मान से पेट्रा की दूरी: लगभग 230 किलोमीटर (लगभग 3.5-4 घंटे की यात्रा सड़क द्वारा)
पेट्रा जाने का रास्ता अम्मान से क्या है?
बस सेवा (Jett Bus):
• नियमित AC बसें यात्रा करती हैं
• सुबह 6:30 बजे अम्मान से वाडी मूसा (Wadi Musa – पेट्रा का प्रवेश द्वार) की ओर।
• लगभग 11 JOD (जॉर्डन दिनार) में टिकट मिल रहे हैं।
निजी टैक्सी / कैब:
• आरामदायक परंतु pricey (लगभग 60–80 JOD)
• अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग अनुमति की आवश्यकता
• किफायती और सुविधाजनक विकल्प, विशेष रूप से परिवार के साथ यात्रा करते समय
पेट्रा में निवास के विकल्प
• Wadi Musa में होटल्स और छात्रावास
• 3 से 5 सितारा होटल्स उपलब्ध (Petra Guest House, Movenpick Resort)
• बजट यात्रियों के लिए गेस्टहाउस और होस्टल्स (Valentine Inn, Petra Gate Hostel)
बुकिंग सुझाव:
• Booking.com, Airbnb, या स्थानीय यात्रा एजेंटों के जरिए बुकिंग करें।
• पीक सीजन (मार्च–मई और अक्टूबर–नवंबर) में अग्रिम बुकिंग करा लें।
वीज़ा से जुड़ी जानकारी
• भारत के नागरिकों के लिए जॉर्डन में वीज़ा आगमन पर (VOA) मिल सकता है।
• वीज़ा शुल्क: लगभग 40 JOD (लगभग ₹4600)
आवश्यक दस्तावेज़:
• पासपोर्ट (न्यूनतम 6 माह की वैधता)
• होटल आरक्षण और वापसी टिकट
• पर्याप्त資फंड का प्रमाण
👉 जॉर्डन पास प्राप्त करना लाभकारी होता है:
• इसमें वीज़ा शुल्क भी शामिल है (यदि आप 3+ दिन ठहरते हैं)
• पेट्रा और अन्य 40 से अधिक स्थलों की मुफ्त प्रवेश उपलब्धता
• कीमत: लगभग 70–80 JOD
पेट्रा के लिए आदर्श यात्रा का समय
मौसम काल की विशेषताएँ
• वसंत मार्च – मई सुखद मौसम, फूलों की बहार होती है
• पतझड़ अक्टूबर - नवंबर में ठंड हल्की रहती है, भीड़ घटती है।
• गर्मी जून से अगस्त तक अत्यधिक गर्म, धूप तीव्र होती है।
• सर्दी का मौसम दिसंबर से फरवरी तक होता है, जिसमें ठंडा वातावरण और कभी-कभी बर्फबारी होती है।
यात्रा और सुरक्षा सुझाव
• जॉर्डन एक सुरक्षित राष्ट्र है, लेकिन सामान्य सतर्कता आवश्यक है।
• पेट्रा में काफी चलना पड़ता है – आरामदायक footwear पहनें।
• सुबह जल्दी निकलें ताकि भीड़ कम हो सके।
• ऊँट या घोड़े की सवारी से पहले कीमत निर्धारित करें।
• पर्याप्त जल और एसपीएफ लगाना न भूलें
• "Petra by Night" का अनुभव लेना न भूलें – यह एक अद्वितीय दृष्टिकोण है।
निष्कर्ष – यात्रा और इतिहास का मिलन
पेट्रा की यात्रा सिर्फ एक दर्शनीय स्थल का अनुभव नहीं है, यह आपको हजारों साल पुरानी इतिहास, वास्तुकला, और संस्कृति से मिलवाती है। यदि आप इतिहास के शौकीन हैं, तो पेट्रा आपके लिए एक जीवंत आश्चर्य है।
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