श्रीलंका के 8 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल – इतिहास, महत्व और यात्रा गाइड

 श्रीलंका के यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल – इतिहास, महत्व और घूमने की जानकारी

दक्षिण एशिया का सुंदर देश श्रीलंका अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए ही नहीं, बल्कि यहां के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों के महत्व के लिए भी जाना जाता है। यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त विश्व धरोहर स्थलों की सूची में श्रीलंका के 8 अद्भुत स्थल शामिल हैं, जो प्राचीन संस्कृति, धर्म और वास्तुकला की अनूठी छवि प्रस्तुत करते हैं। 


इस लेख में हम श्रीलंका के मुख्य यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों के बारे में चर्चा करेंगे, जो हर इतिहास प्रेमी और यात्री के लिए विशेष रुचि का केंद्र हैं। 

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श्रीलंका के यूनेस्को विश्व धरोहर सूची स्थल 


 1.अनुराधापुरा (Anuradhapura) 


स्थान: उत्तर मध्य श्रीलंका 


यूनेस्को की सूची में जोड़ा गया: 1982 


अनुराधापुरा श्रीलंका की पुरानी राजधानी रही है और बौद्ध धर्म का एक प्रधान केंद्र भी। यहां प्राचीन स्तूप, भव्य महल, और सिंचाई प्रणाली आज भी देखी जा सकती हैं। यह स्थल बौद्ध monks के लिए तीर्थ स्थल के समान है। 


 


 2.पोलोनारुवा (Polonnaruwa) 


स्थान: उत्तर-मध्य क्षेत्र 


यूनेस्को में दर्ज: 1982 


राजा पराक्रमबाहु के राज में यह नगर श्रीलंका की राजधानी बना। यहां आज भी पत्थर पर उकेरे गए बुद्ध की प्रतिमाएं, महल, और जलाशयों के अवशेष हैं। पोलोन्नरुवा श्रीलंका की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करता है। 

 

3. सिगिरिया (सिगिरिया चट्टान किला) 


स्थान: मत्तले ज़िला 


यूनेस्को की सूची में दर्ज: 1982 


सिगिरिया को "शेर का पत्थर" भी कहते हैं। यह एक बड़ी चट्टान पर स्थित किला है, जिसमें चित्रकारी, जल बगीचे, और गुफाएँ हैं। इसे श्रीलंका की प्राचीन इंजीनियरिंग का अद्भुत उदाहरण माना जाता है। 

 

4. दंबुला का सुनहला गुफा मंदिर (Dambulla Cave Temple) 


स्थान: मध्य क्षेत्र 


यूनेस्को सूची में दर्ज: 1991 


यह मंदिर परिसर पांच गुफाओं में विस्तारित है और इसमें सैकड़ों बुद्ध की मूर्तियां और दीवारों पर चित्र हैं। यहां की गुफा चित्रकला 2000 वर्ष पुरानी मानी जाती है। 


 5.गाले का दुर्ग (Galle Fort) 


स्थान: दक्षिणी क्षेत्र 


यूनेस्को के अभिलेख में जोड़ा गया: 1988 


डच उपनिवेश के समय बना यह दुर्ग श्रीलंका की उपनिवेशी धरोहर का प्रतीक है। यहां की पत्थर की गलियों, प्राचीन भवनों, और समुद्र तट की वास्तुकला को देखने के लिए हजारों यात्री आते हैं। 


 6.श्रीलंका की पहाड़ी जगह (Central Highlands of Sri Lanka) 


यूनेस्को की सूची में जोड़ा गया: 2010 


इस क्षेत्र में हॉर्टन प्लेन्स, कन्याना वर्षावन, और पिक रेंज जैसे जैव विविधता से समृद्ध स्थान शामिल हैं। यह विरासत स्थल प्रकृति के प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है। 



7.कंडी नगर और बौद्ध विहार (Sacred City of Kandy) 


स्थान: श्रीलंका का मध्य भाग 


यूनेस्को की सूची में नामित: 1988 


कंदी को श्रीलंका की सांस्कृतिक राजधानी माना जाता है। यहां बुद्ध के दांत का मंदिर (Temple of the Tooth Relic) बौद्ध धर्म का सबसे श्रद्धेय स्थल है। हर साल यहां एसेला पाहरेरा नामक भव्य उत्सव आयोजित किया जाता है। 


8. रांगिरी दंबुला के निकट अवस्थित सिन्नहराजा वन संरक्षण क्षेत्र (Sinharaja Forest Reserve) 


यूनेस्को के पत्र में नामित: 1988 


यह श्रीलंका का मुख्य उष्णकटिबंधीय वर्षा वन है, जो कई दुर्लभ पौधों और जीवों का निवास स्थान है। जैविक अनुसंधान और पारिस्थितिकी संरक्षण के लिए यह अत्यधिक महत्वपूर्ण है। 

यात्रा के लिए उपयुक्त समय 


श्रीलंका की यात्रा के लिए नवंबर से अप्रैल का समय सबसे अच्छा माना जाता है, जब मौसम अच्छा और स्पष्ट होता है। 

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निष्कर्ष 

श्रीलंका के यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल इस राष्ट्र की प्राचीन संस्कृति, सभ्यता, धर्म और प्रकृति का अनुभव कराते हैं। ये स्थल न केवल यात्रा के लिए आदर्श हैं, बल्कि हमें इतिहास से जुड़ने और नई जानकारी हासिल करने का मौका भी देते हैं। 


यदि आपको इतिहास, संस्कृति और प्रकृति का शौक है, तो श्रीलंका के यह स्थलों को आपकी यात्रा सूची में अवश्य शामिल करना चाहिए। 


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