गेटवे ऑफ इंडिया का इतिहास – मुंबई का सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थल

गेटवे ऑफ इंडिया – मुंबई का ऐतिहासिक प्रवेश द्वार 

परिचय (Introduction) 

मुंबई में स्थित गेटवे ऑफ इंडिया के सामने इकट्ठे पर्यटक
         गेटवे ऑफ इंडिया, मुंबई – भारत का ऐतिहासिक                   स्मारक जहाँ हर दिन सैकड़ों पर्यटक घूमने आते हैं।     


भारत के महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थलों में गेटवे ऑफ इंडिया (Gateway of India) एक महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है, जो सिर्फ मुंबई की पहचान नहीं बल्कि भारत के उपनिवेशी अतीत और शानदार वर्तमान का प्रतिनिधित्व भी करता है। अरब सागर के तट पर स्थित यह शानदार द्वार प्रतिवर्ष करोड़ों सैलानियों को आकर्षित करता है। 


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गेटवे ऑफ इंडिया का इतिहास (History of Gateway of India) 


ब्रिटिश अधिकारियों द्वारा स्थापना 

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गेटवे ऑफ इंडिया का निर्माण ब्रिटिश प्रशासन ने 1911 में भारत आए किंग जॉर्ज पंचम और क्वीन मैरी के स्वागत के लिए किया था। लेकिन, इसकी वास्तुकला का कार्य 1915 में आरंभ हुआ और यह 1924 में समाप्त हुआ। 

आरंभ 

इस द्वार का औपचारिक उद्घाटन 4 दिसंबर 1924 को सर जॉर्ज ल्लॉयड, उस समय के बॉम्बे प्रांत के गवर्नर, द्वारा किया गया था। 

गेटवे ऑफ इंडिया की स्थापत्य कला (Architecture of Gateway of India) 

निर्माण कौशल 

गेटवे ऑफ इंडिया की निर्माण शैली इंडो-सारसेनिक आर्किटेक्चर में है, जिसमें मुस्लिम, हिंदू और यूरोपीय वास्तुकला की खूबसूरत मिश्रण है। 


ऊँचाई: 26 मीटर (85 फुट) 

मुख्य प्रवेश द्वार: पीले रंग के बेसाल्ट पत्थर से निर्मित 

मेहराब: इस्लामी वास्तुकला का स्रोत 

गुम्बद और जालियाँ: हिंदू स्वरूप की छवि 


समुद्र की दिशा में विस्तृत भव्य नजारा 

गेटवे ऑफ इंडिया के बस सामने अरब सागर फैलता है, जिससे इसकी खूबसूरती कई गुना बढ़ जाती है। यहाँ से एलिफेंटा की गुफाओं के लिए नौकाएं भी उपलब्ध होती हैं। 


गेटवे ऑफ इंडिया का ऐतिहासिक महत्व 


अंग्रेजों का अंतिम अलविदा 


गेटवे ऑफ इंडिया का सबसे महत्वपूर्ण क्षण वह था जब 1948 में ब्रिटिश फौज ने स्वतंत्र भारत को अलविदा कहने के लिए इसी स्थान से देश छोड़ा। यह भारत की स्वतंत्रता का प्रतीक स्थल बन गया। 

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स्वतंत्रता के बाद का मूल्य 


आजादी के बाद यह स्थान सामान्य नागरिकों, पर्यटकों और इतिहास के शौकीनों के लिए एक राष्ट्रीय आदर का प्रतीक बन गया है। यहाँ कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय आयोजन होते रहे हैं। 

गेटवे ऑफ इंडिया पर्यटकों के लिए स्थल के रूप में 

मुख्य आकर्षण 


1.गेटवे की विशाल वास्तुकला 

2.अरब सागर का दृश्य 

3.एलिफेंटा की गुफाओं के लिए नाव की सवारी 

4.ताज महल पैलेस होटल का नजारा 

5.रात में प्रकाश से भरा गेटवे 


पर्यटकों के लिए सुझाव 

स्थान: अपोलो बंदर, कोलाबा, मुंबई 

समय: 24x7 उपलब्ध है 

प्रवेश शुल्क: मुफ्त 

निकटम रेलवे स्टेशन: चर्चगेट या छत्रपति शिवाजी टर्मिनस 


गेटवे ऑफ इंडिया के निकट देखने योग्य स्थान (Attractions Near Gateway of India) 


ताज महल पैलेस होटल – गेटवे के समक्ष स्थित एक ऐतिहासिक होटल 


काला घोड़ा कला गैलरी – कला enthusiasts के लिए 


एलिफेंटा की गुफाएँ – यूनेस्को विश्व विरासत स्थल 


मरीन ड्राइव – साँझ की टहलने के लिए बेहतरीन 


छत्रपति शिवाजी महाराज वस्तु संग्रहालय – इतिहास का ज्ञान प्राप्त करने के लिए 


गेटवे ऑफ इंडिया की कुछ दिलचस्प जानकारी (Interesting Information About Gateway of India) 


इसे "भारत का ताजमहल" माना जाता है क्योंकि यह सबसे पहले विदेशी यात्रियों को नजर आता है। 


यह मुंबई में सबसे ज्यादा तस्वीरें खींची गई जगह है। 


यहाँ कई फिल्में और टीवी कार्यक्रम शूट किए जा चुके हैं। 


गेटवे ऑफ इंडिया कैसे जाया जाए? (How to Get to Gateway of India) 


हवाई यात्रा द्वारा: 


छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय विमानतळ गेटवेपासून सुमारे 25 किलोमीटर अंतरावर आहे. 


रेलवे द्वारा: 


नजदीकी स्टेशन: Churchgate और CST (छत्रपति शिवाजी टर्मिनस) 


सड़क के रास्ते से: 


टैक्सी, बस या ऑटो के माध्यम से सरलता से पहुँच जाना संभव है। 


निष्कर्ष (निष्कर्ष) 

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गेटवे ऑफ इंडिया केवल एक ऐतिहासिक संरचना नहीं, बल्कि भारतीय गौरव, ब्रिटिश उपनिवेशी इतिहास और समकालीन मुंबई का संकेत है। यदि आप कभी मुंबई जाएं, तो यह स्थान आपकी यात्रा के कार्यक्रम में अवश्य शामिल होना चाहिए। 


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