बांधवगढ़ किला: इतिहास, रामायण कनेक्शन, घूमने की जगह और यात्रा गाइड (2025)

बांधवगढ़ किला: इतिहास, रामायण कनेक्शन, घूमने की जगह और यात्रा गाइड (2025)

बांधवगढ़ किले का इतिहास, मध्य प्रदेश का सबसे पुराना किला, बांधवगढ़ किले की विशेषताएँ 

                     बांधवगढ़ - किला - चित्र



भारत की सांस्कृतिक धरोहर में मध्यप्रदेश का बांधवगढ़ किला एक महत्वपूर्ण स्थान ग्रहण करता है। यह किला अपनी पौराणिक कथाओं, स्थापत्य कौशल और प्राकृतिक सुंदरता के कारण अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को आकर्षित करता है। इस लेख में हम बांधवगढ़ किले के इतिहास, उसकी संरचना, पर्यटन के महत्व और उससे संबंधित पौराणिक कथाओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे। 


बांधवगढ़ किला कौन से जिले में स्थित है 

परिचय

मध्यप्रदेश के उमरिया जिले में स्थित बांधवगढ़ किला सिर्फ एक ऐतिहासिक स्थल नहीं है, बल्कि यह रामायण काल से जुड़ी धार्मिक मान्यताओं का भी केंद्र है। घने जंगलों से घिरा यह किला भारत के प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व के बीच में स्थित है, जो इसे और भी विशेष बनाता है। 


रामायण युग से संबंधित किला 


बांधवगढ़ किला रामायण के समय से संबंधित माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान श्रीराम ने इसे अपने छोटे भाई लक्ष्मण के लिए बनवाया था। इसलिए इस स्थल का नाम "बांधव" (भाई) और "गढ़" (किला) रखा गया, जिसका मतलब है भाई का किला। 


बांधवगढ़ किले की निर्माण शैली 


बांधवगढ़ किले की संरचना अद्वितीय है। यह किला एक उंचाई पर बना हुआ है और यहाँ से चारों ओर की घाटी का नजारा देखा जा सकता है। किले के अंदर कई प्राचीन मंदिर, मूर्तियाँ और जलकुंड मौजूद हैं जो इसकी धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाते हैं। 

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मुख्य आकर्षण: 


श्यामशिला तथा सोनभद्र नदी का नजारा 


पुरातन शिव मंदिर 


विशाल विष्णु मूर्ति 


प्राचीन अवशेष और चट्टानों पर बनी कला 


बांधवगढ़ किले से संबंधित कथाएँ 


बांधवगढ़ किला एवं मिथकीय किस्से 


इस किले में श्रीराम और लक्ष्मण ने कुछ समय व्यतीत किया था, ऐसा कहा जाता है। यहाँ की विष्णु प्रतिमा एवं अन्य प्रतिमाएँ इस कहानी को पुष्ट करती हैं। स्थानीय कहानियों के अनुसार यह किला कई हजार वर्षों पुराना है और यहाँ विभिन्न राजाओं का शासन समय-समय पर होता रहा है। 


बांधवगढ़ किले और राष्ट्रीय उद्यान की कड़ी 

                   बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान

बांधवगढ़ किला उसी क्षेत्र में है जहाँ प्रसिद्ध बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान मौजूद है। यह पार्क मुख्य रूप से बाघों के लिए जाना जाता है और भारत के सबसे अधिक बाघ घनत्व वाले उद्यानों में से एक है। जब पर्यटक राष्ट्रीय उद्यान का दौरा करते हैं, तो वे बांधवगढ़ किले को अवश्य देखने की कोशिश करते हैं। 


बांधवगढ़ किले और राष्ट्रीय उद्यान के बीच संबंध 


बांधवगढ़ किला उसी इलाके में स्थित है जहाँ प्रसिद्ध बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान मौजूद है। यह पार्क विशेषकर बाघों के लिए जाना जाता है और भारत के सबसे अधिक बाघ घनत्व वाले उद्यानों में से एक है। जब पर्यटक राष्ट्रीय उद्यान की यात्रा करते हैं, तो वे बांधवगढ़ किला देखना नहीं भूलते। 


पर्यटन का महत्व 


बांधवगढ़ किला यात्रा के लिए उत्तम समय 


पर्यटन के लिहाज से यह स्थान बेहद महत्वपूर्ण है। पर्यटक यहां आकर न केवल ऐतिहासिक और पौराणिकता से जुड़ते हैं, बल्कि वे प्राकृतिक सुंदरता और वन्य जीवों का भी अनुभव प्राप्त करते हैं। 


घूमने का उचित समय: 


अक्टूबर से मार्च – ठंडी स्थिति और स्पष्ट दृश्यता 


मानसून के पश्चात – हरित परिवेश 


बांधवगढ़ किले तक कैसे पहुंचें? 


बांधवगढ़ तक पहुँचने के लिए आप निम्नलिखित विकल्पों का सहारा ले सकते हैं: 


रेल मार्ग: निकटतम रेलवे स्टेशन उमरिया है, जो 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। 


हवाई यात्रा: निकटतम हवाई अड्डा खजुराहो या जबलपुर है। 


सड़क मार्ग: प्रमुख शहरों से बस और टैक्सी सेवाएं उपलब्ध हैं। 


बांधवगढ़ किला भ्रमण सुझाव 


किले की यात्रा के लिए गाइड लेना अनिवार्य है। 


सही ट्रेकिंग जूते पहनें क्योंकि किला ऊँचाई पर है। 


सुबह जल्दी निकलें ताकि आप जंगल सफारी और किले का मजा ले सकें। 


स्थानीय व्यंजन का स्वाद लेना न भूलें। 


निष्कर्ष: 

भारत का पुरातात्त्विक किला 


बांधवगढ़ किला सिर्फ एक ऐतिहासिक धरोहर नहीं है, बल्कि यह किंवदंतियों और प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भुत मिश्रण है। इसकी यात्रा करने पर आपको भारतीय संस्कृति, इतिहास और वास्तुकला की गहराई को जानने का मौका मिलता है। 


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